चंद्रशेखर आजादनगर । अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर गुरुवार को यहां शहीद की प्रतिमा पर काला रंग लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। आजाद मैदान स्थित अष्टधातु निर्मित प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे भाजपाइयों ने आरोप लगाया कि प्रतिमा पर काला रंग लगाकर शहीद का अपमान किया गया है। इसे लेकर भाजपा नेता व कार्यकर्ता प्रतिमा स्थल के पास धरने पर बैठ गए। जानकारी मिलने पर कलेक्टर यहां पहुंचीं और चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर से भाजपा नेताओं की तीखी बहस भी हुई। कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया, जिस पर मामला शांत हुआ।
चंद्रशेखर आजादनगर में आजाद मैदान पर हर साल शहादत दिवस सहित अन्य आयोजनों पर प्रतिमा पर पॉलिश की जाती है, ताकि इसमें निखार आ सके । हालांकि इस बार मूर्तिकार ने इस पर काला रंग लगाया है। जब गुरुवार सुबह भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर, आलीराजपुर के पूर्व विधायक नागरसिंह चौहान, जोबट के पूर्व विधायक माधौसिंह डावर सहित पार्टी के अन्य नेता व कार्यकर्ता श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे तो प्रतिमा पर काला रंग पोतने को लेकर नाराजी जताई। उनका आरोप था कि ऐसा करके शहीद का अपमान कि या जा रहा है। सांसद डामोर ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से शहीदों का अपमान करती आई है। आजाद की प्रतिमा पर काला रंग पोतकर एक बार फिर पार्टी ने यह साबित कर दिया है। यह कालिख आजाद की प्रतिमा पर नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के मुंह पर पुती है। इसके बाद भाजपा नेता और कार्यकर्ता शहीद की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। करीब आधे घंटे तक सभी यहां नारेबाजी करते रहे। जानकारी मिलने पर कलेक्टर सुरभि गुप्ता यहां पहुंचीं और सांसद सहित अन्य नेताओं से बात की। सांसद ने कहा कि शहीद की प्रतिमा पर काला रंग क्यों लगाया गया है। इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करें। इस पर कलेक्टर ने साफ कि या कि मूर्ति के संधारण की आवश्यकता थी। इस कारण मूर्तिकार से यह कार्य कराया गया है। प्रतिमा अष्टधातु की है। इसमें निखार आ सके, इसलिए यह कार्य कराया गया था। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी और अगर कि सी की गलती मिली तो कार्रवाई करेंगे। इसके बाद भाजपाई धरने से उठे।
कार्ड में नाम क्यों नहीं... हर बार यह जानबूझकर कि या जा रहा
कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में नगर परिषद आजादनगर के अध्यक्ष का नाम नहीं होने पर भी विवाद हुआ। दरअसल कार्यक्रम के पहले जो कार्ड बांटे गए थे, उसमें विनीत के स्थान पर सिर्फ जिला प्रशासन और नगर परिषद आजादनगर ही अंकित था। हालांकि बाद में जब नगर में इसकी चर्चा तो हुई तो ताबड़तोड़ नए कार्ड छपवाए गए, लेकि न इसमें भी विनीत के स्थान पर नगर परिषद अध्यक्ष ही था। अध्यक्ष निर्मला डावर का नाम नहीं था। इससे पहले भी भाजपाई जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता नागरसिंह चौहान को विभिन्न कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं करने तथा कार्ड पर नाम नहीं छापने को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। आजादनगर में धरने के दौरान इसे लेकर पूर्व विधायक नागरसिंह चौहान ने आपत्ति जताई। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि यह जानबूझकर कि या जा रहा है। कांग्रेस के दबाव में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान कि या जा रहा है। यह जनता का भी अपमान है। यह पहली बार नहीं है। ऐसा पहले भी तीन बार हो चुका है। आखिर प्रशासन क्या कांग्रेस का गुलाम बनकर रह गया है। इस पर कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि त्रुटिवश ऐसा हुआ है। आगे से ध्यान रखा जाएगा।