अंबिकापुर । किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जा अनाचार करने के मामले में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अमित राठौर की अदालत ने आरोपित को सात वर्ष सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपित को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अतिरिक्त लोक अभियोजक हेमंत तिवारी ने बताया कि सीतापुर थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले आरोपित ग्राम राधापुर सीतापुर निवासी हरीश सिंह मरावी पिता चंद्रकिशोर सिंह मरावी 22 वर्ष द्वारा कसईडीह के जंगल में जान से मारने की धमकी देकर अनाचार किया गया था। इस अपराध में हरीश सिंह के अलावा पुलिस ने उसके रिश्तेदार महेशपुर निवासी राम सिंह पिता जयनंदन सिंह 20 वर्ष को भी आरोपित बना प्रकरण न्यायालय में पेश किया था। मामले में साक्ष्य नहीं मिलने पर राम सिंह को दोषमुक्त किया गया। प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई व पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अमित राठौर की अदालत ने आरोपित हरीश सिंह को धारा 363 के तहत चार वर्ष, 366 के तहत पांच वर्ष व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास व पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
क्षतिपूर्ति की अनुशंसा
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अमित राठौर की अदालत ने छत्तीसगढ़ शासन के पीड़ित क्षतिपूर्ति योजनांतर्गत समुचित प्रतिकर दिलाए जाने की अनुशंसा की है। निर्णय की प्रतिलिपि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को भी प्रेषित करने कहा गया है और उन्हीं के माध्यम से क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने कहा गया है।