बतौली । सोमवार को आयोजित कक्षा बारहवीं की हिंदी की परीक्षा में नवमी और ग्यारहवीं के सवाल पूछे जाने पर अब विद्यार्थियों ने विरोध प्रकट करना शुरू कर दिया है। परीक्षार्थियों की मांग है कि पूछे गए गलत सवालों के एवज में उन्हें बोनस अंक प्रदान किया जाए। इसके अलावा परीक्षार्थियों ने ब्लूप्रिंट के आधार पर प्रश्न पत्र न दिए जाने पर भी आक्रोश व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा सोमवार से शुरू हुई है। पहले ही प्रश्नपत्र में खामियां उजागर हुई है। हिंदी की परीक्षा के पर्चे में नवमीं और ग्यारहवीं के प्रश्न शामिल किए गए थे। हिंदी के पर्चे के खंड ख में प्रश्न 4 के अंतर्गत जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित कहानी पुरस्कार पर सवाल किए गए थे। यह प्रश्न कक्षा नौवीं के पाठ्यक्रम से है। इसके अलावा इसी प्रश्न के अंतर्गत दूसरा प्रश्न हल करने का विकल्प दिया गया था जिसके अंतर्गत जगदीश चंद्र माथुर की एकांकी रीढ़ की हड्डी पर प्रश्न था, जो कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम से लिया गया था। दोनों ही प्रश्न गलत थे। परीक्षार्थियों ने कक्षा में ही उपस्थित शिक्षकों को इस बात की जानकारी दी थी। अधिकांश परीक्षार्थियों ने इन प्रश्नों को हल ही नहीं किया है। अब परीक्षार्थियों की मांग है कि उन्हें 3 अंकों का बोनस दिया जाए। परीक्षार्थियों ने कहा कि 3 अंकों से मेरिट सूची में खासा फर्क आ जाएगा इसलिए बोनस देने की प्रक्रिया शीघ्र किया जाए। परीक्षार्थियों का यह भी आरोप है कि छमाही परीक्षा में ब्लूप्रिंट के आधार पर उनकी परीक्षा ली गई थी। यह परीक्षा पूरी तरह बोर्ड पर आधारित थी और उन्हें यह बताया गया था कि वार्षिक परीक्षा भी इसी ब्लूप्रिंट के आधार पर संपन्न होगी, लेकिन पहले ही प्रश्न पत्र में ब्लू प्रिंट को दरकिनार कर दिया गया है। पठित पद्यांश और गद्यांश पर आधारित सवाल पूछे जाने थे। हिंदी के पर्चे में ऐसे सवाल भी नदारद थे।