आलीराजपुर । ग्राम वास्कल फाटा पंचायत के लोग शहीद चन्द्रशेखर जोबट परियोजना बांध बनने से पहले ही इंदवन की सीमा पर विराजित शिव-पार्वती और हनुमानजी के मंदिर पर भंडारे का आयोजन कर रहे हैं। बांध बनने के बाद से शिवजी का मंदिर डूब गया, जिसे ग्राम इंदवन और वास्कल के लोगों द्वारा परंपरागत रूप से शिवजी के मंदिर को उठाकर वास्कल के एक देव स्थल पहाड़ी पर शिफ्ट कि या गया था और दूसरा इंदवन की सीमा पर। महाशिवरात्रि पर यहां भंडारे का आयोजन कि या गया। देर शाम तक चले भंडारे में सैकड़ों की संख्या में समाजजन शामिल हुए।
वनेश्वर महादेव पर लगी भक्तों की कतार
कट्ठीवाड़ा। महाशिवरात्रि पर चाटल्या पानी क्षेत्र में स्थित वनेश्वर महादेव मंदिर पर बढ़ी संख्या में भक्तजन दर्शन करने पहुंचे, मेघ मांडवा हनुमान मंदिर पर फलाहारी खिचड़ी का वितरण भी कि या गया। चाटलिया पानी स्थित इस मंदिर में प्राकृतिक जलधारा द्वारा निरंतर शिवलिंग पर अभिषेक कि या जाता है। यह स्थल प्राकृतिक रुप से दर्शनीय तो है ही साथ ही यहां जाने वाले भक्तों को आत्मिक शांति का अनुभव होता है। इस स्थल की देखरेख स्थानीय वन अमले द्वारा की जाती है। चाटलिया पानी कट्ठीवाड़ा से 6 किमी दूर ग्राम नानीबार के पास जंगल में है। जहां पहाड़ी के नीचे भगवान शिवजी का प्राचीन छोटा मंदिर है। उस पहाड़ से प्राकृतिक निरंतर बहती धारा मंदिर में बने शिवलिंग पर गिरतीं थी, परन्तु अब वहां रख-रखाव की वजह से यह धारा शिवलिंग पर नहीं गिरती है। हर महाशिवरात्रि पर यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं। अगर मंदिर का रख-रखाव कि या जाए तो यहां पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा। महाशिवरात्रि के दिन क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल मेघ मांडवा स्थित शिव मंदिर पर विशेष श्रृंगार कि या गया। क्षेत्र के धनार माता मंदिर स्थित शिव मंदिर पर शाम को भजन संध्या के साथ महाआरती का आयोजन हुआ, यहां भी श्रद्धालुओं के लिए फलाहारी खिचड़ी व ठंडाई का आयोजन कि या गया था।
उमराली में महाशिवरात्रि पर भजन संध्या
ग्राम उमराली में शिवरात्रि पर भजन संध्या का आयोजन हुआ। बस स्टैंड पर स्थित शिव मंदिर में श्रद्धालु भोले की भक्ति में देर तक थिरके । इस अवसर पर भगवान के अभिषेक सहित प्रसादी का वितरण भी कि या गया।