अंबिकापुर । सरगुजा के सांसदों द्वारा जिस उत्साह से संसदीय क्षेत्र के गांव को कायाकल्प करने गोद लिया जाता है उस पर सांसद कितने गंभीर होते हैं इसका प्रमाण शहर से 10 किलोमीटर दूर सांसद आदर्श ग्राम करम्हा को देखकर मिल रहा है। यहां कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद ने गोद लेकर 30 शासकीय योजनाओं को लागू कराया पर उसका क्रियान्वयन आज भी अधूरा रह गया। अधिकांश निर्माण कार्य आधे-अधूरे पड़े हैं और जिस उम्मीद से विकास कार्य शुरू किए गए थे उस पर विराम लग गया है। स्थिति देख ग्रामीणों ने इन सभी योजनाओं को निरस्त करने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर कलेक्टर को भेजा है। अब राज्य सरकार से ग्रामीण विकास की आस लगाए हैं। बुधवार की सुबह जिला पंचायत उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता करम्हा पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें पूरे गांव का भ्रमण कराया और वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।
पांच वर्ष पूर्व सरगुजा के तत्कालीन सांसद कमलभान सिंह ने अंबिकापुर विकासखंड के करम्हा गांव को आदर्श ग्राम बनाने गोद लिया था। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, इस कारण अधिकारियों ने भी केन्द्रीय योजनाओं के साथ राज्य की सभी योजनाओं को गांव में लागू कर दिया। इस करम्हा गांव को शहर की तर्ज पर विकसित करने की योजना तो बनाई और काम भी शुरू कराया। अब सरगुजा के सांसद भी बदल गए। नए सांसद ने दूसरे गांव को गोद भी ले लिया पर करम्हा की तस्वीर नहीं बदल पाई, न ही अब कोई अधिकारी इस गांव में रुके कामों को आगे बढ़ाने पहल ही कर रहा है। इस सांसद आदर्श ग्राम करम्हा में तीस योजनाओं को लागू किया गया था जिसमें एक भी योजना पूरी नहीं हो पाई है। करोड़ों रूपये के लागत से पेयजल योजना की शुरूआत हुई थी। विशाल पानी टंकी का निर्माण कराया गया था किन्तु यह योजना आज भी अधूरी है। ग्रामवासियों को इसका लाभ अब तक नहीं मिल पाया। गांव में स्ट्रीट लाइट शहर की तर्ज पर लगवाई गई थी पर एक भी दिन नहीं जल पाई है। पंचायत भवन का निर्माण भी अधूरा है। करम्हा के परसीलीपारा और हंसुली के आंगनबाड़ी केन्द्र में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं है। यहां बिजली का मीटर तो लगा दिया गया पर कनेक्शन ही नहीं है न तो कभी बिजली ही जली। बुधवार की सुबह जिला पंचायत उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता करम्हा के ग्रामीणों से मुलाकात करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और सांसद आदर्श ग्राम की स्थिति से अवगत कराया। ग्रामीणों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष को पंचायत भवन की मरम्मत, सीसी रोड का निर्माण, ग्राम पंचायत में समुचित पेयजल की व्यवस्था, आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली व पंखे की व्यवस्था, स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था कराए जाने की मांग की। ग्रामीणों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष गुप्ता को करम्हा, परसीलीपारा, हंसुली का भ्रमण भी कराया और जमीनी स्थिति से अवगत कराया। जिपं उपाध्यक्ष ने सांसद आदर्श ग्राम के ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि अब इस गांव का विकास नए सिरे से कांग्रेस की सरकार शुरू कराएगी।
पंचायत भवन व सामुदायिक भवन पहुंच मार्ग में
आदर्श ग्राम का सपना ग्रामीणों को दिखाया गया। यहां पंचायत भवन का निर्माण शुरू हुआ पर अधूरा है। सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ पर यह उपयोगहीन है। इन दोनों भवनों तक पहुंचने के लिए एक अदद मार्ग की भी व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने इन दोनों भवनों तक पहुंचने के लिए व्यवस्थित मार्ग निर्माण की मांग की है। अब ग्रामीण राज्य सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बांध में खर्च की राशि, नहीं रुक रहा पानी
करम्हा के ग्रामीणों ने जिपं उपाध्यक्ष को गांव के जल संसाधन विभाग के एक बांध का निरीक्षण कराया। इस बांध में विभाग ने राशि तो खर्च की थी, नहर की रिपेयरिंग भी कराई थी किन्तु बांध का गेट खराब होने के कारण यहां पानी भी नहीं रुक पा रहा है। जितना पानी बांध में है उसका उपयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे। यदि गेट ठीक रहता तो बांध में पानी भी भरपूर रहा और इसका खेती में उपयोग भी किया जा सकता था।
करम्हा के ग्रामीणों को आदर्श ग्राम का सपना दिखाया गया। निश्चित रूप से काम तो चालू हुए पर सभी योजनाएं अधूरी रह गईं। मॉनिटरिंग के अभाव में योजनाओं की दुर्गति हुई है। सांसद ने यदि इस गांव को गोद लिया था तो स्वयं इसके विकास की जिम्मेदारी लेनी थी। ग्रामीणों को सब कुछ दिख रहा है पर उसका लाभ नहीं मिल रहा। ग्रामीणों ने अब राज्य सरकार से उम्मीद जताई है। निश्चित रूप से अब इस गांव में नए सिरे से एक-एक काम शुरू होगा। गांव में एक अदद खेल का मैदान न बनाए जाने से भी ग्रामीण युवा दुखी हैं। हमारी कोशिश होगी हम जल्द ही इस गांव को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
राकेश गुप्ता
जिपं उपाध्यक्ष