शिक्षकों को बहाल कि या...अब आदेश पर आपत्ति

आलीराजपुर । आजादनगर विकासखंड के दो शिक्षकों को निलंबित करने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। आदिवासी समाजजनों के आंदोलन के बाद शिक्षकों को निलंबन से बहाल तो कर दिया गया, मगर अब आदेश को लेकर आपत्ति सामने आई है। दरअसल, शिक्षकों को बहाल करते हुए अब आजादनगर से सोंडवा तहसील में पदस्थ कर दिया गया है। वहीं दो वेतनवृद्धि रोकने की अनुशंसा भी की गईं है।


पिछले दिनों चंद्रशेखर आजादनगर में बायपास निर्माण को लेकर प्रशासन को ज्ञापन देने कई लोग पहुंचे थे। आरोप है कि इस दौरान शिक्षक बसंत अजनार और सज्जनसिंह जमरा भी यहां मौजूद थे। मामले की प्रशासन को शिकायत की गई थी। इसे आधार बनाते हुए दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। इसके खिलाफ आदिवासी समाज संगठन ने मोर्चा खोल दिया था। संगठन का कहना था कि झूठी शिकायत के आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। दोनों शिक्षक अन्य नगरवासियों के साथ जायज मांग को लेकर प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराने के लिए गए थे। सिर्फ इसके आधार पर उन्हें निलंबित कै से कि या जा सकता है। निलंबन से बहाली की मांग को लेकर समाजजनों ने आजादनगर में तहसील के बाहर धरना दे दिया था। समाजजन पूरी रात यहीं डटे रहे। इसके बाद जब स्थानीय अफसरों ने समझाइश दी और कलेक्टर से चर्चा करने की बात कही तो समाजजन पैदल ही आलीराजपुर कलेक्टरोट के लिए निकल गए। कलेक्टरोट पहुंचकर समाजजनों ने मैन गेट पर धरना दे दिया था। यहां काफी समझाइश के बाद लोग धरना खत्म करने को माने। उस समय आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के भीतर मामले का निराकरण कर दिया जाएगा।


 

बहाली आदेश देख फिर नाराजी


सोमवार को शिक्षकों के बहाली आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश के अनुसार अब शिक्षकों को आजादनगर की बजाए सोंडवा तहसील में पदस्थ कर दिया गया है। एक शिक्षक का तबादला शकरजा तो दूसरे का तिखोला गांव में कि या गया है। साथ ही दो वेतनवृद्धि भी रोक दी गई है। इसे लेकर फिर से आपत्ति सामने आई है। शिक्षकों का कहना है कि झूठी शिकायत पर कार्रवाई की गई। अब कोर्ट की शरण लेंगे, ताकि जांच में सही तथ्य सामने आ सकें ।