अंबिकापुर । संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर के कलेक्टर दर के कर्मचारियों का कलम बंद हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहा। विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों का दक्षता आकलन करने आयोजित कौशल परीक्षा का बहिष्कार करने वाले कलेक्टर दर के कर्मचारी पूर्व की व्यवस्था के अनुरूप उन्हें यथावत रखने और नियमितीकरण की कार्रवाई आरंभ करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
मंगलवार को कुलसचिव विनोद एक्का खुद हड़ताली कर्मचारियों के बीच पहुंचे और उन्हें कुलपति इमिल लकड़ा के कथित आदेश से अवगत कराया। कुलसचिव ने कहा कि मार्च के प्रत्येक रविवार को कलेक्टर दर के कर्मचारियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और अंतिम रविवार को परीक्षा ली जाएगी। इस परीक्षा के परिणाम के आधार पर कुशल, अर्ध कुशल और अकुशल श्रेणी में कर्मचारियों का वर्गीकरण किया जाएगा। प्रबंधन के इस सुझाव पर हड़ताली कर्मचारियों ने आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि इसके लिए वे तैयार नहीं है। पिछले कई वषोर् से जिस श्रेणी में वे सेवा देते आ रहे हैं उसी में उन्हें यथावत रखा जाए और लंबी सेवा अवधि को देखते हुए उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। कर्मचारियों का कहना है कि कौशल परीक्षा के नाम पर उनके वेतन में कटौती के लिए अलग-अलग वर्गीकरण किया जा रहा है, जो न्याय संगत नहीं है। विदित हो कि संत गहिरागुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती शासन स्तर से सेटअप जारी होने के बावजूद अब तक नहीं की गई है। दो बार भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन भी आमंत्रित किए जा चुके हैं। शुल्क के रूप में शिक्षित बेरोजगारों से प्रबंधन लाखों रुपए वसूल चुका है। तृतीय श्रेणी के सिर्फ चार नियमित कर्मचारी ही विश्वविद्यालय में पदस्थ है। कलेक्टर दर के कर्मचारियों द्वारा ही महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली जा रही है। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से विश्वविद्यालय का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।
आदेश की जलाई प्रतियां
संत गहिरागुरु विवि के कलेक्टर दर के कर्मचारियों को अनियमित कर्मचारी महासंघ का भी समर्थन मिल रहा है। मंगलवार को कलमबंद हड़ताल के दौरान अनियमित कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी, कार्यकर्ता भी विवि में पहुंचे। सभी ने कुलसचिव द्वारा जारी आदेश की प्रतियां भी जलाई। इसी आदेश में कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों के कौशल परीक्षा का उल्लेख किया गया था।
विरोध से माहौल तनावपूर्ण
संत गहिरागुरु विवि में दोपहर बाद उस वक्त तनाव का माहौल निर्मित हो गया, जब हड़ताली कर्मचारियों ने इंजीनियरिंग कालेज के सहायक प्राध्यापक की सेवाएं विवि के गोपनीय शाखा में लेनी शुरू कर दी। हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि इंजीनियरिंग कालेज तकनीकी विवि के अधीन आ गया है। ऐसे में दूसरे विवि के टीचिंग स्टाफ की गोपनीय शाखा में सेवा लेने से विवि की गोपनीयता भंग होगी। विरोध व नारेबाजी के बीच कुलसचिव विनोद एक्का को चेंबर से बाहर आना पड़ा और उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों को दोबारा समझाइश दी कि वे ऐसा न करें। यह दो विवि प्रबंधन के बीच का मामला है। इसमें कर्मचारी कुछ नहंी कर सकते।
सीएसपी के साथ पहुंची पुलिस टीम
विवि परिसर में विरोध प्रदर्शन से उपजे तनावपूर्ण माहौल की सूचना मिलते ही सीएसपी एसएस पैकरा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया था। हड़ताल से कामकाज बाधित होता देख प्रबंधन ने शिक्षण विभाग के सहायक प्राध्यापकों की सेवाएं प्रशासनिक कार्यालय में लेना शुरू कर दिया है। बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
छात्र संघ के पूर्व अध्यक्षों ने किया समर्थन
संत गहिरागुरु विवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष दीक्षा अग्रवाल, मार्कण्डेय तिवारी, निलेश गुप्ता ने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि विवि में दशकों से अनियमित कर्मचारी कार्य करते आ रहे हैं। जिन्हें सुनियोजित साजिश के तहत हटाने के लिए रोज नए नियम लागू किए जा रहे हैं। यदि कर्मचारियों की मांग पूरी नहंी हुई तो वे आंदोलन करने बाध्य होंगे।
कर्मचारियों की छटनी का दूर-दूर तक कोई सवाल ही नहीं है। यह निर्णय कर्मचारियों के हित में है, जो अकुशल श्रेणी में कार्य कर रहे हैं। यदि वे कौशल परीक्षण में सफल होते हैं तो कुशल श्रेणी में आ जाएंगे। उनका मानदेय बढ़ जाएगा। मेरी कर्मचारियों से अपील है कि हड़ताल न करें और काम पर वापस लौटें।
विनोद एक्का
कुलसचिव, संत गहिरागुरु विवि