प्रबोध के समर्थन में 16 पार्षद ने भेजा प्रदेशाध्यक्ष को पत्र

अंबिकापुर । नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष बनाए गए पूर्व मेयर प्रबोध मिंज को लेकर भाजपा के ही दर्जन भर पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया था। नेता प्रतिपक्ष घोषणा के बाद जमकर भाजपा कार्यालय के भीतर व बाहर हंगामा मचाया। दो दिन के भीतर संगठन का ऐसा डंडा चला कि अब भाजपा के 20 में से 16 पार्षदों ने हस्ताक्षरित सहमति पत्र प्रदेश अध्यक्ष के नाम भेजा है, जिसमें प्रबोध मिंज को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का समर्थन किया है। पूरे घटनाक्रम से भाजपा की खूब किरकिरी हुई।


दो दिन पूर्व चुनाव पर्यवेक्षक व विधायक नारायण चंदेल ने भाजपा कार्यालय में नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चुनने कोर कमेटी और भाजपा पार्षदों की बैठक बुलाई थी। जिसमें सभी पार्षदों से चर्चा की गई, कुछ पार्षद पूर्व मेयर प्रबोध मिंज के पक्ष में नहीं थे किंतु अधिकांश पार्षद समर्थन में थे। इस कारण रायशुमारी व संगठन के पदाधिकारियों, कोर कमेटी के सदस्यों से चर्चा उपरांत नारायण चंदेल ने प्रबोध मिंज को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया। घोषणा के साथ भाजयुमो पदाधिकारी व पार्षदों का एक गुट हंगामा मचाने लगा। दोनों पक्षों में झड़प की स्थिति निर्मित हो गई। जमकर गाली-गलौज और हाथापाई की नौबत आ गई। इसका वीडियो भी वायरल हो गया, जिससे भाजपा की खूब किरकिरी हुई। इसको देखते हुए संगठन ने कड़ा एतराज जताया व विरोध करने वाले पार्षदों को नसीहत भी दी। यही कारण था कि 48 घंटे के अंदर अधिकांश भाजपा पार्षद प्रबोध मिंज एक साथ खड़े हो गए। गौरतलब हो कि कुछ पार्षदों ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय स्तर के नेता तक करने का दावा किया और प्रबोध मिंज को नेता प्रतिपक्ष मानने से इन्कार कर दिया था। साथ ही मामले को अपील समिति में जाने की भी बातें कही थी, किंतु ज्ञात हुआ कि इस नाम की कोई समिति ही नहीं है। प्रबोध मिंज के समर्थन में जिन भाजपा पार्षदों ने सहमति दी उनमें मधुसूदन शुक्ला, भारती सोनवानी, परमवीर सिंह बाबरा, विशाल गोस्वामी, नेम्हामनी तिग्गा, हरविंदर सिंह टिन्नी, मंजूषा भगत, सुषमा गुप्ता, रमेश प्रसाद जायसवाल, अनीता रविंद्र भारती, सुनीता सोनी, आलोक दुबे, सुशांत घोष, विश्व विजय सिंह तोमर, मनीष सिंह व स्वयं प्रबोध मिंज शामिल है। ऐसे में अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर भाजपा में जारी घमासान खत्म माना जा रहा है। हालांकि समर्थन पत्र में भाजपा पार्षद विकास वर्मा रिंकू, सिकंदर जायसवाल, अजय सिंह बबलू, अवधेश सिंह सोनकर सहित चार अन्य ने हस्ताक्षर नहीं किया है। बताया जा रहा है इन पार्षदों से संपर्क भी सहमति पत्र के लिए नहीं किया गया है।


सोशल मीडिया में भिड़े भाजपाई


मामले को लेकर सोशल मीडिया में शहर के एक भाजपा नेता ने प्रदेश संगठन के पदाधिकारी के खिलाफ टिप्पणी पोस्ट की तो इसको लेकर भाजपाई आपस में भिड़ गए। वर्तमान नगर मंडल अध्यक्ष व नगर के पूर्व महामंत्री के बीच जमकर विवाद चल रहा है। जिस भाजपा नेता ने सोशल मीडिया में संगठन के प्रदेश स्तर के नेता के खिलाफ पोस्ट डाली, उसने सरगुजा में भाजपा को तोड़ने का आरोप लगाया है। इसको लेकर आपस में भाजपाई भिड़ गए हैं।