अंबिकापुर । कुलपति इमिल लकड़ा से चर्चा के बाद संत गहिरागुरु विश्वविद्यालय के कलेक्टर दर के कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं। प्रबंधन ने नियमित नियुक्ति होने तक किसी प्रकार की कौशल परीक्षा नहीं लिए जाने का आश्वासन दिया है। पूर्व में ली गई कौशल परीक्षा को स्थगित किए जाने संबंधी आदेश जारी होने के बाद कर्मचारियों के काम पर वापस लौट आने से विश्वविद्यालय प्रबंधन को बड़ी राहत मिली है।
संत गहिरागुरु विश्वविद्यालय में नियमित नियुक्ति नहीं होने के कारण 122 कर्मचारी कलेक्टर दर पर सेवा दे रहे हैं। इन कर्मचारियों की दक्षता का आकलन कर कुशल, अर्द्घकुशल व अकुशल श्रेणी में विभाजित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कौशल परीक्षा का आयोजन बीते रविवार को किया गया था। कलेक्टर दर के कर्मचारियों ने कौशल परीक्षा का बहिष्कार किया था, सिर्फ आठ कर्मचारी ही परीक्षा में शामिल हुए थे। पिछले दो दिनों से कलम बंद हड़ताल कर कलेक्टर दर के कर्मचारियों द्वारा प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जाने से विश्वविद्यालय का कामकाज भी सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा था। बुधवार को कुलपति इमिल लकड़ा खुद विश्वविद्यालय पहुंचे और हड़ताली कर्मचारियों से चर्चा शुरू की। उन्होंने प्रबंधन द्वारा कौशल परीक्षा आयोजित किए जाने के पीछे कर्मचारियों के हित का उल्लेख कर कहा कि इसी परीक्षा के आधार पर प्रबंधन कर्मचारियों को अनुभव प्रमाण पत्र और नियमित नियुक्ति के दौरान बोनस अंक देकर प्राथमिकता देने का निर्णय लिया था, लेकिन यदि कर्मचारियों को प्रबंधन का यह निर्णय पसंद नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं है। विश्वविद्यालय प्रबंधन पूर्व में ली गई कौशल परीक्षा को स्थगित करने के साथ ही आगामी नियमित नियुक्ति होने तक किसी प्रकार की कोई कौशल परीक्षा आयोजित नहीं करेगा। नियमित नियुक्ति में वर्तमान में सेवारत कलेक्टर दर के कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। कुलपति के दो टूक जवाब पर हड़ताली कर्मचारी संतुष्ट हो गए और उन्होंने काम पर वापस लौटने की हामी भर दी। विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से कौशल परीक्षा को स्थगित किए जाने संबंधी आदेश भी जारी कर दिया गया। कर्मचारियों के काम पर वापस लौट आने से विश्वविद्यालय प्रबंधन को राहत मिली है, लेकिन कामकाज में और कंप्यूटर के जानकार कलेक्टर दर के कर्मचारियों को सीधा नुकसान हुआ है, क्योंकि अब उन्हें नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता नहीं मिलेगी।
कर्मचारियों के हित में लिया था निर्णय
संत गहिरागुरु विश्वविद्यालय के कुलपति इमिल लकड़ा ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए बताया कि कौशल परीक्षा आयोजित करने का निर्णय कलेक्टर दर पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के हित में था। कर्मचारियों ने इसका महत्व नहीं समझा। प्रबंधन ने कौशल परीक्षा के आधार पर कलेक्टर दर के कर्मचारियों को जरूरत पड़ने पर अनुभव प्रमाण पत्र देने की योजना तैयार की थी। नियमित नियुक्ति में बोनस अंक और प्राथमिकता दिए जाने पर भी निर्णय लिया गया था, लेकिन कर्मचारियों को प्रबंधन का यह निर्णय शायद रास नहीं आया, इसलिए उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। कर्मचारियों की मंशा के अनुरूप कौशल परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। वर्तमान में जिस मानदेय पर कर्मचारी कार्यरत हैं, वही मानदेय सभी को मिलता रहेगा, लेकिन नियमित नियुक्ति में उन्हें कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
कर्मचारियों को होगा सीधा नुकसान
कौशल परीक्षा के माध्यम से बोनस अंक और नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता दिए जाने के प्रबंधन के निर्णय का विरोध करना नियमित नियुक्ति के दौरान वषोर् से संत गहिरागुरु विश्वविद्यालय में कलेक्टर दर पर सेवा दे रहे कर्मचारियों के लिए भारी पड़ सकता है, क्योंकि जब भी नियमित नियुक्ति होगी तो उन्हें फ्रेश कैंडिडेट के साथ प्रतिस्पर्धा में शामिल होना होगा। उस प्रतिस्पर्धा में यदि वे सफल नहीं हुए तो इतने वषोर् से विश्वविद्यालय में सेवा देने का कोई फायदा उन्हें नहीं मिलेगा और वे नौकरी से भी वंचित हो जाएंगे। कर्मचारियों के विरोध से प्रबंधन ने कौशल परीक्षा को स्थगित तो कर दिया है, लेकिन नुकसान उन कलेक्टर दर के कर्मचारियों को है, जो कंप्यूटर के साथ तृतीय श्रेणी की नौकरी के लिए कामकाज में दक्ष हैं। उन्हें भी प्राथमिकता और बोनस अंक नियमित नियुक्ति में नहीं मिलेगी।